Wednesday, 20 June 2018

अरे प्रतिभा को कब प्रेरणा दोगे ?


अरे टेलेन्ट को कब प्रेरणा दोगे ?
प्रतिभा बहुत ही संवेदन शील होती है । संवेदनशील से तात्पर्य है वह संकोचन का गुणधर्म निबाती है । जैसे लजामणी का छोड उस छोड को जैसे स्पर्श करते हो वह मुरझा जाता है । संवेदन शील जो चीज होती है उसका नाम नही लेना चाहिए ये बात तो हम सब जानते ही है । तो प्रतिभा एसी हती है । लेकिन उसकी विशेषता यह है कि वह जब अपने चरम पर होती है तो संवेदनशील नही होती वह शरूआती दौर में ही संवेदन शील होती है । तो प्रतिभा को चरम तक पहूँचाना चाहिए । चरम तक पहूँचने के लिए उसे प्रेरणा कि काफी जरूरत रहती है ।प्रेरणा मानो उसका उदीपक है । चूँ कि प्रतिभा को प्रेऱणा कि जरूरत रहती है तो वह कैसे भी कर अफनी वह जरूरत पूरी कर लेती है । लेकिन सभी प्रतिभाए अपनी प्रेरणा प्राप्त नही कर सकती और मुरजा जाति है अपने चरम तक नही पहूँच पाती और जीवनभर संवेदनशील बनकर ही रहती है । लेकिन वर्तमान समाज प्रतिभा को प्रेरणा नही दे रहा है ।. वह तो रूपयो को प्रेरणा दे रहा है । रूपया नही तो शादी नही हती । लोन नही मिलती । काम नही मिलता । रूपया नही कोइ अच्छे से बुलाता तक नही । यदि रूपया है तो आपको हजारो करोड की लोन मिल सकती है लेकिन यदि पके पास रूपया नही है तो आपको डेढ लाख की भी लोन नही मिलेगी । प्रतिभा को अपनी प्रतिभा बाहर लानी है लेकिन रूपया नही । प्रतिभा विहिन रूपयो के सहारे प्रतिभावान को काम पर रख रहे है । वास्तव में एसा होना चाहिए था कि जिसके पास प्रतिभा है वह प्रतिभा विहिन को काम देता लेकिन सब कुछ उल्टा है।  वास्तव में गरीब प्रतिभा का कर्ज माफ कर देना चाहिए लेकिन हमारा समाज तो उल्टा है वह तो रूपये वाले प्रतिभा विहिन का कर्ज माफ कर रहा है । इसे मुर्खता नही कहेंगे तो क्या कहेंगे । आप बिना प्रतिभा को कितना भी रूपया दो वह देश को क्या देगा कुछ भी नही अन्त में भाग जायेगा लेकिन यदि आप प्रतिभा युक्त को रूपया देते है तो आपको वह दूगुना करके देता है । देश का विकास करेगा और लोगो को काम मिलेगा । लेकिन समाज तो उल्लू को मदद कर रहा है ।पैसे को इतना मह्त्व दिया जाता है कि समाज में प्रतिभा कि कदर नही होती रूपये कि कदर होती है । और प्रतिभा बिना रूपये कि मुरझा जाति है और हम कहते है हमारा देश मेडल क्यो नही लाता । प्रतिभा को थोडी प्रेऱणा तो मिलनी चाहिए न । लेकिन एसा लगता है जैसे आयोजको का दिमाग सुन्न हो गया हो । क्योकि आयोजको में भी कहा प्रतिभा होती है । प्रतिभा को प्रेरणा देना देश के हित में रहेगा । अमेरिका वाले हमारे प्रतिभा को ले जाते है । दूसरो को कदर है लेकिन अपनो को कदर नही है ।  यदि आप प्रतिभा पहचान नही सकते आप में वह शक्ति नही है तो दूसरो कि सहायता ले लिजिए अन्हे प्रेरित करे जिसमें प्रतिभा है न कि उन्हे जिसके पास केवल रूपया है और खाली दिमाग को पहचाने योग्य कि पहचान करने कि प्रेक्टिस करानी चाहिए क्या आपको शिक्षा कि आवश्यक्ता है कि प्रतिभा को कैसे पहचाना जाये तो आप एसी शिक्षा ले लिजिए देश के हित में जरूरी है । बिना प्रेरणा के प्रतिभा अपने चरम तक कभी नही पहूँच पायेगी । उन्हे मदद करे जिसमे नये विचार है नया ज्ञान है आशा है भविष्य मे प्रतिभा को भरपूर प्रेरणा मेलेगी और रूपया प्रतिभा कि और खिंचा चला आयेगा न कि रूपये वालो कि ओर आशा सह अस्तु ।









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